कुछ इधर उधर की

स्पिनर के तौर पर टीम में शामिल हुआ ये खिलाड़ी, दूसरे ही मैच में जब बारी आई तो बल्ले से बना दिया विश्व रिकार्ड

ये 4 अक्टूबर 1996 का दिन था, इस दिन क्रिकेट की पिच पर तूफान आ गया था. महज 16 साल का एक खिलाड़ी उस समय क्रीज पर आया जब टीम का पहला विकेट 60 के स्कोर पर गिर गया था.

आते ही इसने ऐसा हड़कंप विरोधी टीम में पैदा किया की सबने दांतों तले उंगली दबा ली. हम बात कर रहे हैं क्रिकेट के सबसे धुआंधार प्लेयर शाहिद अफरीदी की. 1 मार्च 1977 को जन्मे अफरीदी को त्रिकोणिय सीरीज में केन्या के खिलाफ खेलने का मौका मिला.

उस मैच में अफरीदी को आठवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए मौका मिलना था क्योंकि उन्हे बतौर एक स्पिन गेंदबाज टीम में लिया गया था. हालांकि उस मैच में इतनी नौबत नहीं आई की अफरीदी को बल्लेबाजी के लिए आना पड़े. अगला मैच उस समय जोरदार फार्म में चल रही श्रीलंका की टीम के साथ था पाकिस्तान का.

ये वो समय था जब जयसूर्या का बल्ला आग उगलता था. उस मैच में पाकिस्तान की कप्तान सईद अनवर को पता नहीं क्या सुझा की उन्होंने टीम में स्पिनर के तौर पर शामिल किए गए 16 वर्षीय शाहिद अफरीदी को एक विकेट गिरने के बाद अपने साथ खेलने बुला लिया. बस फिर क्या था अफरीदी ने आते ही लंकाई गेंदबाजों की ऐसी बधिया उधेड़ी की सभी की रेल बन गई.

एक विकेट गिरने के बाद खेलने आए अफरीदी ने कप्तान के साथ मिलकर दूसरे विकेट के लिए 126 रन जोड़ दिए. लेकिन आपको ताज्जुब होगा ये जानकर की उसमे से अकेले अफरीदी की 102 रन थे और वो भी केवल 40 गेंद में.

उस मैच में बना विश्व रिकार्ड सबसे तेज शतक का, अफरीदी ने अपने शतक के लिए केवल 37 गेंद ली. अपनी उस पारी में अफरीदी ने जोरदार 11 छक्के लगाए और केवल 6 चौके लगाए. पाकिस्तान की पारी 371 रन तक पहुंची और उसने ये मैच 82 रन से जीत लिया.

अफरीदी ने अपने मामा की लड़की से शादी की थी

उसके बाद तो जैसे सभी और अफरीदी के नाम का डंका बज गया. अफरीदी ताउम्र उसी अंदाज में खेलते रहे. उन्होंने कभी अपनी शैली से समझौता नहीं किया और ताबड़तोड़ बल्लेबाजी ही करते रहे. बेशक टीम को उनकी कितनी ही जरूरत रही हो उन्होंने कभी अपने विकेट की अहमियत नहीं समझी और गेंदबाजों में उनका खौफ हमेशा बना रहा.

अपने 398 मैच लंबे एकदिवसीय करियर में अफरीदी ने 23 के साधारण से एवरेज से 8064 रन बनाए और 395 विकेट लिए. अफरीदी को हमेशा एक खतरनाक आलराउंडर माना गया. हालांकि अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी शैली के कारण वो टेस्ट में एक कामयाब खिलाड़ी नहीं बन सके और अपने करियर में केवल 27 ही टेस्ट खेल पाए. पाकिस्तान के लिए भारत के खिलाफ भी सबसे तेज शतक का रिकार्ड उनके नाम है.

टेस्ट में उन्होंने 5 शतक लगाए और 48 विकेट भी हासिल किए. हाल ही में अफरीदी को पाकिस्तान का चीफ सलेक्टर बनाया गया है. अफरीदी अपने भारत विरोधी बयानों के लिए भी जाने जाते हैं.