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World Cup Countdown: विश्व कप इतिहास की वो बदनसीब बरसात…

World Cup Countdown शुरू हो चुका है. इस साल के अक्टूबर या नवंबर के महीने में भारत में क्रिकेट का ये महासंग्राम शुरू होगा. लेकिन आज हम बात करने जा रहे हैं इस टूर्नामेंट की अबतक की सबसे अभाग्यशाली टीम की.

वो टीम जिसने आईसीसी के क्रिकेट के अबतक 15 विश्वकप खेले हैं (टी-20 वर्ल्ड कप और वनडे विश्व कप मिलाकर) लेकिन कभी भी फाइनल में नहीं पहुंचे. कभी उन्हे श्रीलंका जैसी उस समय की कमजोर मानी जाने वाली टीम बाहर कर देती है तो कभी बिल्कुल मामूली टीम नीदरलैंड.

आपको याद होगा अभी कुछ महीने पहले खेले गए टूर्नामेंट में नीदरलैंड ने साउथ अफ्रीका को 13 रन से हराकर बड़ा उलटफेर किया था और टी20 वर्ल्ड कप से बाहर का रास्ता दिखा दिया था.

जी हाँ, वो बदनसीब टीम साउथ अफ्रीका ही है जो कई बार ग्रुप स्टेज तो कई बार सुपर 8 में पहुंचकर दम तोड़ती रही है. क्रिकेट में उन्हे चोकर का खिताब हासिल है.

अचानक से जोरदार खेलते खेलते ये टीम पता नहीं कब किसी कमजोर टीम के सामने मैच हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता. अपने देश में चल रहे श्वेत अश्वेत विवाद के कारण अफ्रीकी टीम इंटरनेशनल क्रिकेट से 22 साल दूर रही. साल 1992 के वर्ल्ड कप के ठीक पहले टीम ने क्रिकेट में वापसी की और केप्लर वेसलेस की अगुवाई में उन्हे एक दावेदार टीम माना गया था.

इस वर्ल्ड कप में साउथ अफ्रीका सेमीफाइनल तक का सफर तय कर चुकी थी और वो भी बड़े ही शानदार खेल के साथ. सेमीफाइनल में उसका मुकाबला इंग्लैंड के साथ था और पहले खेलकर इंग्लैंड ने अफ्रीका को 252 रन का लक्ष्य दिया.

बदनसीब बारिश

एक समय मैच में दिख रही साउथ अफ्रीका को अंत में 13 बॉल में 21 रन की आवश्यकता थी, तभी बारिश आ जाती है. जोरदार बरसात के बाद जब मैच शुरू हुआ तो उस समय के ‘रेन रूल्स के अनुसार’ साउथ अफ्रीका को एक गेंद में 22 रन का लक्ष्य मिल गया.

ये देखकर सभी अचंभित हो गए क्योंकि ये टारगेट तो किसी भी तरह से पार नहीं किया जा सकता था. टीम हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गई और वर्ल्ड कप जीतने का सपना टूट गया.

मकमिलन और गूच विश्व कप 1992

चलता रहा बदनसीबी का दौर

उसके बाद भी टीम के साथ बदनसीबी हमेशा साथ चलती रही. ये 1996 का वर्ल्ड कप था जब अपने ग्रुप के सभी 5 मैच जीतकर टीम विश्व कप को हाथ में लेने की सबसे जोरदार दावेदार मानी जा रही थी.

ग्रुप मैचों के सफर में अफ्रीकी टीम ने पाकिस्तान, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड जैसी टीमों को हराया था. क्वार्टर फाइनल में अफ्रीका का मुकाबला उस टीम से हुआ जो ग्रुप स्टेज में मुश्किल से 5 में से 2 मैच जीतकर आगे आई थी. पहले खेलते हुए विंडीज टीम ने 253 रन बनाए, लेकिन अफ्रीका की टीम केवल 245 रन ही बना सकी और विश्व कप से चलती बनी.

फिर आता है अबतक का सबसे शानदार और सफल विश्व कप 1999. ये वो विश्व कप था जिसमें जैक्स कालिस, लांस कलुजनर, हर्षल गिब्स और शॉन पोलक की तूती बोल रही थी और इस टीम को हराना बस एक सपना था. टूर्नामेंट के सुपर 6 के आखिरी मैच में साउथ अफ्रीका की खराब किस्मत फिर उनके साथ सफर पर निकल पड़ी थी.

सेमीफाइनल में पहुँचने के लिए अफ्रीका को ऑस्ट्रेलिया के सामने अपना 270 रन का स्कोर बचाना था. उस समय क्रीज पर पोंटिंग और स्टीव वाग पहुँच चुके थे जब ऑस्ट्रेलिया केवल 48 रन में 3 विकेट गँवाकर संघर्ष कर रहा था. वाग ने मिड-विकेट पर लांस क्लूजनर की गेंद पर हल्का सा एक फ्लिक किया.

हर्शल गिब्स ने कैच पकड़ भी लिया लेकिन खुशी मनाने की जल्दी में कैच उछालते समय गेंद नीचे गिर गई और वाग को नॉट आउट दिया गया. वाग तब गिब्स के पास गए और कहा बेटे कैच नहीं वर्ल्ड कप गिरा दिया तुमने.

वाग ने कैच छूटने के बाद शानदार नाबाद 120 रन की पारी खेली और ऑस्ट्रेलिया को जीत के साथ सेमीफाइनल में पहुंचाया और फिर वर्ल्ड कप भी जीता.

विश्व कप 1999 में सबसे जोरदार टीम साउथ अफ्रीका

उसके बाद आता है एक और विश्व कप जिसमें अफ्रीका श्रीलंका के खिलाफ खेल रही थी और बारिश आने के चांस हो गए थे. क्रीज पर थे उस समय के हीटर बल्लेबाज मार्क बाउचर, सामने थे मुरलीधरन.

बाउचर को टीम के ड्रेसिंग रूम से संदेश भेजा गया की बारिश आने वाली है और हम बारिश के नियम के हिसाब से 6 रन पीछे हैं. बाउचर ने अगली ही गेंद पर छक्का लगा दिया.

उसके बाद जो गेंद फेंकी गई उसको बाउचर ने धीरे से पुश कर दिया और कोई रन नहीं लिया. जब बारिश आई और नियम को देखा गया तो दोनों टीमों का स्कोर बराबर रहा और अफ्रीका को बाहर होना पड़ा.

बाउचर ने कहा की मुझे जो कहा गया मैंने कर दिया. असल में 6 रन बराबरी के लिए और 7 रन जीत के लिए चाहिए थे. लेकिन संदेश भेजते वक्त ये गलती हुई की बोल दिया गया की हम श्रीलंका से 6 रन पीछे हैं.

साउथ अफ्रीका के साथ उनकी खराब किस्मत हमेशा रही है अब देखना ये है की भारत में इस साल खेले जाने वाली वर्ल्ड कप में ये टीम कैसा प्रदर्शन कर पाती है.